कर्मनाशा की हार पार्ट – 7 | द सहाफत न्यूज़ |

रेलवे उसपार के लोगों के जान की कीमत कौड़ियों के भाव


रेलवे पार करने के लिए जान जोख़िम में डालते लोग 



                                                                कर्मनाशा रेलवे स्टेशन 

मैं एक इंसान हूँ। वो हर बात मुझे प्रभावित करती है जो इंसानियत को प्रभावित करे।” ये वाक्य भगत सिंह का है लेकिन इस बात को मैं दुबारा दोहराना चाहता हूँ क्योंकि जब लोगों के जान की कीमत कौड़ियों के भाव भी ना हो तो यहाँ के लोगों और सत्ता में बैठे प्रतिनिधियों से सवाल तो बनता है. जी हाँ कर्मनाशा बाज़ार के उत्तर में बसे करीब 10 से 15 गांवों के लोग आज भी रेलवे लाइन पार करने की समस्या से जूझ रहे है. आपको बता दे कि यहाँ से रोजाना 40-50 मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती है। इसके अलावा करीब 60 से अधिक माल ट्रेन व 5 से 10 पसैंजर ट्रेनें भी चलती है। जिससे की यहाँ पर हर पांच से दस मिनट बाद ट्रेनों का कारवां गुजरता रहता है.
लरमा, जमुरनी, छाता, करारी, दैथा, मोडडा, धनाइतपुर, रामपुर, लक्ष्मणपुर, मौजी, चिरईगांव व् अन्य गांवों के लोगों का बाज़ार आने से लेकर गाड़ी पकड़ने तक का रास्ता एक मात्र रेलवे लाइन ही है. यहाँ तक की छोटे बच्चों का स्कूल बाज़ार में होने के कारण उन्हें भी रेलवे लाइन होकर ही पढ़ने जाना पड़ता है. जिससे की यहाँ के लोगों में परिवार व् बच्चों को लेकर चिंता बनी रहती है. क्योंकि रेलवे लाइन पार करने की वजह से यहाँ पर आये दिन कोई ना कोई हादसा होता रहता है.
अगर यहाँ के लोग कर्मनाशा बाज़ार या नेशनल हाइवे पर टू विलर या फोर विलर से जाना चाहते है तो उन्हें पांच किलोमीटर (कुल्हरियां) का सफ़र अधिक करना पड़ता है. जिससे उन्हें 5 मिनट के रास्ते को पार करने में 20 से 30 मिनट का समय लग जाता है.
सुझाव व् प्रतिक्रिया
अगर यहाँ ओवरब्रिज़ बन जाये तो रेलवे पार के करीब 10 से 15 गांवों के लोगों को प्रतिदिन के जोख़िम की समस्या से राहत मिल जाएगी. और उन्हें कर्मनाशा बाज़ार या नेशनल हाइवे पर आने के लिए पांच किलोमीटर का सफर कम तय करना होना। यहाँ तक की लाइन पार के लोग पटरी पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से बचेंगे, बल्कि वे अपने, अपने परिवार व् बच्चों को सुरक्षित भी महशुश करेंगे.
रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज़ बनाने से कर्मनाशा बाज़ार का विकास व् विस्तार दोनों होगा. यहाँ तक की कर्मनाशा, छोटे बाज़ार से बड़े बाज़ार में परिवर्तित हो जायेगा. जिससे की रेलवे लाइन पार भी एक बाज़ार का निर्माण होगा. बड़ी-बड़ी कंपनियां यहाँ पर अपना उद्दोग लगाना चाहेंगे जिसके कारण यहाँ के जमीनों के दामों में तेजी से वृद्धि होगी. यहाँ पर ओवरब्रिज़ बनाने से सरकार के ऊपर कर्मनाशा नदी पर पुल बनाने को लेकर दबाव बनेगा जिससे की कर्मनाशा नदी पर भी पुल बनना संभव होगा. और बिहार के लोगों को उत्तर प्रदेश में यात्रा करने के लिए एक नए मार्ग का निर्माण होगा. जिसके कारण यहाँ पर बड़ी व् छोटी गाड़िया सुगमता से चलने लगेंगी.

नोट- यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज को बहुत जोरदार होना होगा. – भगत सिंह

फ़ोटो आभार – अल्गू यादव (लरमा), अभिषेक तिवारी और कार्तिक गुप्ता (कर्मनाशा )

                                                                                तस्वीर 




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